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जा कर रण में ललकारी थी,वह झाँसी की झलकारी थी(22 नवंबर जयंती)

बुंदेलखंड की लोकगाथाओं व लोकगीतों में झलकारी बाई की वीरता के साक्ष्‍य भरे हुए हैं। 22 नवम्बर, 1830 को झाँसी के निकट जन्मी झलकारी बाई के जीवन की जानकारी देता है यह दिलचस्प दस्तावेज

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